अब गया वो मिजाज, वो अंदाज़, वो सलीका,
बातों में तेरी कभी नशा होता होगा!
पूछता नहीं कोई, दायरे के बाहर,
अपने ख्यालों में तू जरूर खुदा होता होगा!
दूर से देखने पर तो यही लगता था,
'वाह! वहाँ क्या मजा होता होगा!'
बुरे फसें 'मजाल', आ कर जन्नत में,
हमने तो सोचा था कुछ नया होता होगा!
बातों में तेरी कभी नशा होता होगा!
पूछता नहीं कोई, दायरे के बाहर,
अपने ख्यालों में तू जरूर खुदा होता होगा!
दूर से देखने पर तो यही लगता था,
'वाह! वहाँ क्या मजा होता होगा!'
बुरे फसें 'मजाल', आ कर जन्नत में,
हमने तो सोचा था कुछ नया होता होगा!