Kabhi dost kehte ho
kabhi dua dete ho
kabhi bewaqt neend se jaga dete ho
par jab bhi sms karte ho
khuda kasam..saare gham bhula dete ho
Tuesday, February 8, 2011
dost hazar nahi sirf ek chahiye
dost hazar nahi sirf ek chahiye
dukh sukh mein de saath woh yaar chahiye
hum kisi ko bhulate nahi
lekin jo hamein yaad rakkhe woh yaar chahiye
dukh sukh mein de saath woh yaar chahiye
hum kisi ko bhulate nahi
lekin jo hamein yaad rakkhe woh yaar chahiye
Dosti insaan ki zaroorat hai,
Dosti insaan ki zaroorat hai,
Dilon pe dosti ki hukamat hai,
Aap ke pyar ki wajah se zinda hain warna,
Khuda ko bhi hamari zarorat hai.
Dilon pe dosti ki hukamat hai,
Aap ke pyar ki wajah se zinda hain warna,
Khuda ko bhi hamari zarorat hai.
@Humne waqt se bahut wafaa ki..
@Humne waqt se bahut wafaa ki..
Lekin waqt humse bewafai kar gaya...
Kuchh to hamare Nasib bure the..
kuchh unka humse jee bhar gaya..
Lekin waqt humse bewafai kar gaya...
Kuchh to hamare Nasib bure the..
kuchh unka humse jee bhar gaya..
वक्त से डर के रहने मेँ समझदारी भी है
वक्त से डर के रहने मेँ समझदारी भी है
वो कल राजा था
आज भिखारी भी है
औरोँ के काम आना है अच्छी बात है
मगर
इसमेँ छिपी एहसान की बिमारी भी है
वो धनवान है एक जवान बेटी का बाप
एक गरीब केँ दर का वो भिखारी भी है
बुरी नजर की आग लगाई तो खुद जलोगे
घर मेँ बहन और बेटी तुम्हारी भी है
वक्त की बाजी मेँ लगे हो खुद दांव पर
तुमसे बङा "सुमीत" कोई जुआरी भी है॥
वो कल राजा था
आज भिखारी भी है
औरोँ के काम आना है अच्छी बात है
मगर
इसमेँ छिपी एहसान की बिमारी भी है
वो धनवान है एक जवान बेटी का बाप
एक गरीब केँ दर का वो भिखारी भी है
बुरी नजर की आग लगाई तो खुद जलोगे
घर मेँ बहन और बेटी तुम्हारी भी है
वक्त की बाजी मेँ लगे हो खुद दांव पर
तुमसे बङा "सुमीत" कोई जुआरी भी है॥
मैंने तो आँखों को अपनी बंद रखा था..
सपनो में मेरे चुपके से आया है कोई..
धीमे से एक गीत गुनगुनाया है कोई..
मैंने तो आँखों को अपनी बंद रखा था..
फिर भी मेरे दिल में समाया है कोई..
लब पे मुस्कान है चेहरे पे ख़ुशी छाई है..
बन के खुशबू हर तरफ महकाया है कोई..
अब मुझे होता है जिन्दगी जीने का अहसास..
मेरे जीवन में बन के ख़ुशी छाया है कोई..
धीमे से एक गीत गुनगुनाया है कोई..
मैंने तो आँखों को अपनी बंद रखा था..
फिर भी मेरे दिल में समाया है कोई..
लब पे मुस्कान है चेहरे पे ख़ुशी छाई है..
बन के खुशबू हर तरफ महकाया है कोई..
अब मुझे होता है जिन्दगी जीने का अहसास..
मेरे जीवन में बन के ख़ुशी छाया है कोई..
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