Friday, April 27, 2012

इस बार तो मुझे अपना बनाएँ

इस बार तो मुझे अपना बनाएँ
उनकी मुस्कराहट को, मैंने निमंत्रण समझा
इशारे को उनकी हाँ समझा
इस खामोख्याली में, उन्हें अपना समझा
सलीके को उनके, मैंने प्यार समझा
इस भूल में गाफिल हुआ, जो हुए ना मेरे

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